झारखंड खनिज-संपदा में भारत का सबसे संपन्न प्रदेश है। कुछ वर्ष पूर्व तक यह बिहार प्रदेश का प्रमुख हिस्सा था। यह अपनी आदिवासी जनजातियों, भाषा-बोली, नदी-बाढ़, सांस्कृतिक परंपराओं, रीति-रिवाजों, खनिज-लवण, कला एवं संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
आज की व्यस्त दिनचर्या में समय का बड़ा अभाव है, इसलिए सभी विषय..
पुस्तक के बारे में-
बाजार में स्तरीय पुस्तकों के अभाव को देखते हुए इस पुस्तक की रचना की गई है| वैसे तो बाजार में अनेकों पुस्तकें इस विषय पर उपलब्ध हैं, परन्तु उनमें स्तरीय सामग्री का अभाव है| छात्रों की समस्याओं (प्रमाणिक सामग्री का अभाव, परीक्षा पैटर्न पर आधारित सामग्री का अभाव, विषय की सरलता एवं ..
झारखंड अलग राज्य तो बन गया, लेकिन राज्य गठन का जो उद्देश्य था, क्या वह पूरा हुआ? 12 सालों में यहाँ आठ सरकारें बनीं, चार मुख्यमंत्री बदले। कोई भी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई। आखिर इस राजनैतिक अस्थिरता की वजह क्या है? विकास की तमाम संभावनाओं के बावजूद विकास की गति ठहरी हुई है तो इसके लिए जि..
यह पुस्तक अनुभवी और जिम्मेवार पदों पर काम कर चुके अधिकारियों द्वारा लिखे गए लेखों का संकलन है। इन लेखों में अधिकांश लेख झारखंड या देश के आई.ए.एस.-आई.पी.एस. अफसरों द्वारा लिखे गए हैं। ये सारे लेख ‘प्रभात खबर’ में समय-समय पर प्रकाशित हुए हैं। कोई भी राज्य तब तरक्की करता है, जब सरकार और ब्यूरोक्रेट्स अ..
1. “Jharkhand Pradesh Polytechnic” is designed for the preparation of the exam
2. The book is divided into 3 parts; Physics, Chemistry and Mathematics
3. It uses easy language for better conceptual understanding
4. Model Solved Papers and Solved Papers are for practice and to understand the paper..
1. “Jharkhand Pradesh Polytechnic” is designed for the preparation of the exam
2. The book is divided into 3 parts; Physics, Chemistry and Mathematics
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यह पुस्तक प्रसिद्ध पत्रकार श्री अनुज सिन्हा की झारखंड की राजनीति, झारखंड के हालात व यहाँ की समस्या, व्यवस्था तथा कार्य-संस्कृति से जुड़ी टिप्पणियों का संकलन है।
इनमें से अधिकांश राजनीतिक घटनाओं से जुड़ी हुई हैं। सरकार चाहे जिस किसी की हो, अगर वहाँ किसी प्रकार की गड़बड़ी दिखी, सरकार द्वारा ऐसे निर्ण..
जन्म : 1956 को बलिया (उ.प्र.) जिले के सिताबदियारा में।
शिक्षा : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से एम.ए. (अर्थशास्त्र)।
टाइम्स ऑफ इंडिया समूह से पत्रकारिता में कॅरियर की शुरुआत; साप्ताहिक पत्रिका ‘धर्मयुग’ तथा आनंद बाजार पत्रिका समूह के साप्ताहिक ‘रविवार’ में काम किया। ‘विदुरा’ में सलाहकार संपादक र..
प्रस्तुत पुस्तक वरिष्ठ पत्रकार श्री हरिवंश के लगभग दो दशकों (1991-2010) के बीच झारखंड राज्य से जुड़े लेखों का संग्रह है। सन् 1991 से 2000 के बीच झारखंड बिहार का हिस्सा था, सन् 2000 (15 नवंबर) में यह अलग राज्य बना। एक तरह से इसमें पीछे के दस वर्षों (1991-2000, बिहार) और आगे के दस वर्षों (2000-2010, ..
ऐसा कहा जाता रहा है कि संविधान की पाँचवीं अनुसूची आदिवासियों के लिए उनका धर्मग्रंथ है, जिसके प्रति उनकी आस्था है, उनकी श्रद्धा है। यह धर्मग्रंथ उनके जीने की आशा है, उनका स्वर्णिम भविष्य है। लेकिन संविधान रूपी इस धर्मग्रंथ के प्रति अब आस्था टूट रही है और उनकी श्रद्धा कम हो रही है। अब यह आस्था बनाए रख..