1000 जीव-जंतु प्रश्नोत्तरी ' में संसार भर के समस्त जीवों-चाहे वे जल में वास करनेवाले हैं या जमीन पर रहनेवाले हैं अथवा गगन में स्वच्छंद विचरण करनेवाले; जमीन पर रेंगनेवाले, पानी में तैरनेवाले या जमीन पर जीवन के लिए संघर्ष करनेवाले हैं-उनकी आदतों, वातावरण, रहन-सहन, शिकार एवं भोजन प्राप्ति, उनकी संतत..
अखण्ड राष्ट्र के रूप में संगठित होने के पूर्व भारतवर्ष ने साहस एवं उत्सर्ग की अनगिनत परीक्षाएँ दी हैं। धीरोदात्त वीरों ने सैकड़ों वर्षों की आततायी शोषणकारी राज्य व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने के लिए अदम्य संघर्ष किये हैं। इन संघर्षो को इतिहास के अनेक स्वनाम-गुमनाम नायकों ने शक्ति एवं नेतृत्व प्रदान क..
पुस्तक के बारे में- बाजार में स्तरीय पुस्तकों के अभाव को देखते हुए इस पुस्तक की रचना की गई है| वैसे तो बाजार में अनेकों पुस्तके इस विषय पर उपलब्ध हैं, परन्तु उनमें स्तरीय सामग्री का अभाव है| छात्रों की समस्याओं (प्रमाणिक सामग्री का अभाव, परीक्षा पैटर्न पर आधारित सामग्री का अभाव, विषय की सरलता एवं सह..
"The numerous problems of Jammu & Kashmir which remain unsolved include incomplete accession of the state, the Article 370, the unresolved issue of citizenship of lakhs of people who migrated from Pakistan, the rehabilitation of lakhs of innocent people who were forced to leave their home and hearth..
अथक अध्ययन और शोध के परिणामस्वरूप एम.एन. श्रीनिवास के निबन्ध आकार ग्रहण करते हैं। भारतीय समाज की नब्ज़ पर उनकी पकड़ गहरी और मज़बूत है। उनके लेखन में इतिहास और बुद्धि का बोझिलपन नहीं है। प्रस्तुत पुस्तक में संगृहीत निबन्धों में समाजशास्त्र व नृतत्त्वशास्त्र विषयक समस्याओं के व्यावहारिक पक्षों पर रोशनी ड..
डोरिस कारेवा एस्टोनिया और बाल्टिक देशों की ही नहीं, यूरोप की सबसे अहम कवियों और क़द्दावर सांस्कृतिक हस्तियों में शुमार हैं, उन कविताओं के लिए प्रशंसित जो लाघव और शिल्पगत कसाव के साथ-साथ जुनून और साहस-प्रदर्शन के सूक्ष्म तवाज़ुन को अंजाम देती हैं। पत्रिका एस्टोनियन लिटरेचर के अनुसार डोरिस की उपलब्धि य..
‘आंजनेय जयते’ गिरिराज किशोर का सम्भवत: पहला मिथकीय उपन्यास है। इसकी कथा संकटमोचन हनुमान के जीवन-संघर्ष पर केन्द्रित है। रामकथा में हनुमान की उपस्थिति विलक्षण है। वे वनवासी हैं, वानरवंशी हैं, लेकिन वानर नहीं हैं; बल्कि अपने समय के अद्भुत विद्वान, शास्त्र-ज्ञाता, विलक्षण राजनीतिज्ञ और अतुलित बल के धनी..
वास्तव में यात्रा करना और दृष्टि के साथ यात्रा करना, दो भिन्न बातें हैं। हम सभी यात्रा करते हैं, लेकिन कितने ऐसे होते हैं जो हमें सृजनात्मक अभिव्यक्ति का रूप देते हैं या सोद्देश्यपूर्ण बना पाते हैं। जब यात्रा-वृत्तान्त या सफ़रनामा सृजनात्मकता का स्पर्श करता है, तब यह यात्रा साहित्य के जगत में प्रवेश..
आपातकाल के बारे में कई पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। इस संघर्ष में गुजरात का विशेष योगदान रहा है। प्रस्तुत पुस्तक एक ऐसे व्यक्ति द्वारा लिखी गई है जिसने गुजरात से बाहर यानी यूरोप, अमेरिका आदि में बैठकर नहीं बल्कि गुजरात में रहकर, इस संघर्ष का एक सिपाही बनकर जो कुछ सहा, भोगा और देखा। ऐसे ही व्यक्ति की..