‘आगे अन्धी गली है’ में विख्यात पत्राकार प्रभाष जोशी द्वारा ‘प्रथम प्रवक्ता’ और ‘तहलका’ में छपे कॉलम संकलित हैं।प्रभाष जोशी ने हिन्दी पत्रकारिता में कॉलम लेखन को एक नया रूप देने के साथ ही उसे विविधता भी प्रदान की। ‘जनसत्ता’ में लिखे उनके कॉलम ‘कागद कारे’ के समानान्तर ‘प्रथम प्रवक्ता’ का कॉलम ‘लाग ल..
तालाब का लबालब भर जाना भी एक बड़ा उत्सव बन जाता । समाज के लिए इससे बड़ा और कौन सा प्रसंग होगा कि तालाब की अपरा चल निकलती है । भुज (कच्छ) के सबसे बड़े तालाब हमीरसर के घाट में बनी हाथी की एक मूर्ति अपरा चलने की सूचक है । जब जल इस मूर्ति को छू लेता तो पूरे शहर में खबर फैल जाती थी । शहर तालाब के घाटों पर आ..
दौलत कुछ चुनिंदा लोगों का अधिकार नहीं, आपका भी जन्मसिद्ध अधिकार है। डॉ. जोसेफ मर्फी की इस विख्यात पुस्तक की सहायता से आप यह जान लेंगे कि उस अधिकार को वास्तविकता में कैसे बदलें। जीवन में सफलता की प्रेरक और सशक्त सच्ची घटनाओं से भरी यह पुस्तक आपको सच्ची दौलत के रहस्यों को खोलना और उस संपत्ति, सत्ता और..
विषय-सूची• भूमिका —Pgs vii• प्रेरणास्रोतों की कलम से —Pgs ix• दो शब्द —Pgs xiii• टापर्स टॉक - स्वर्णिम सफलता के मंत्र —Pgs xvii1. राजस्थान प्रशासनिक सेवा - एक परिचय —Pgs 1-63• राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं —Pgs 1• परीक्षा के तीन चरण - प्रारंभिक, मुख्य एवं साक्षात्कार —Pgs 3• आर.ए..
IAS हमारे देश की सबसे प्रतिष्ठित और दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा में से एक है। माफ कीजिए, मैं कहना चाहूँगा कि यह परीक्षा एवरेस्ट फतेह से भी ज्यादा कठिन है; यही इस परीक्षा की खूबी भी है। इसके चयन के अग्निपथ जैसे तीन दौरों—प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार—से तपकर जो उम्मीदवार बाहर निकलत..
हमें सही मार्ग पर बढ़ने के लिए अपना क्रोध, अहं, असत्यता, छलावा—सब छोड़ना होगा। इन दुर्गुणों को छोड़ते हुए हम स्वयं के अधिक निकट आ जाते हैं। इस तरह हम उसे वापस जगाते और जलाते हैं जो हमारे अंदर था, लेकिन लंबे समय तक गलत बोझ एकत्रित करने से जो दफन हो गया था।हमारा मस्तिष्क भी एक सूटकेस की तरह ही है। क..
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन (1879-1955 ई.) द्वारा प्रतिपादित आपेक्षिकता-सिद्धान्त को वैज्ञानिक चिन्तन की दुनिया में एक क्रान्तिकारी खोज की तरह देखा जाता है। इस सिद्धान्त ने विश्व की वास्तविकता को समझने के लिए एक नया साधन तो प्रस्तुत किया ही है, मानव चिन्तन को भी गहराई से प्रभावित किया है। अब ..
क्या आपकी दिलचस्पी महज किसी कैरियर की दौड़ में है, या आपकी मंशा यह जानने की है कि आप जीवन में वस्तुतः क्या करना पसंद करेंगे-ऐसा काम जिससे आपको सचमुच लगाव हो? क्या आज की दुनिया में जीने के लिए महत्त्वाकांक्षा और होड़ वाकई जरूरी है? व्यक्ति और समाज की समस्याओं जैसे कि गरीबी, भ्रष्टाचार और हिंसा के बार..
नन्द चतुर्वेदी हिन्दी के उन विरल कवियों में हैं जिन्होंने अपनी कविता को अपने जीवन-कर्म से जोड़कर सार्थक बनाया है। वे चिन्तन के स्तर पर समाजवादी रहे तथा उन्होंने अपने कवि-कर्म को समाज में व्याप्त ग़ैरबराबरी को मिटाने के लिए समर्पित किया। उनकी सम्पूर्ण कविता तथा इतर लेखन सामान्य जन के बेहतर जीवनयापन के..