‘‘अगर सारी कठिनाइयों से हार न मान कर मैं इतना कुछ हासिल कर सका हूँ तो कोई भी ऐसा कर सकता है-यही संदेश है जो मैं इस पुस्तक के ज़रिये अपने देश के युवाओं को देना चाहता हूँ। इस पुस्तक से प्रेरित होकर यदि एक भी युवा अपना सपना हासिल कर लेता है तो मैं मानूँगा कि इसे लिखने का मेरा प्रयास सफल हुआ। यह पुस्तक ..
बीमारी केवल शारीरिक ही नहीं हुआ करती, अगर व्यक्ति मानसिक बीमारियों जैसे-काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि से ग्रस्त हैं तो भी वह बीमार ही माना जाएगा। अत: पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति वह है, जो शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से स्वस्थ है।
बीमारियों का कारण हम स्वयं बनते हैं। शारीरिकबीमारियों केनिवारण केलिए 'प्रात: भ्रमण'..