कृश्न चन्दर के लोकप्रिय उपन्यास 'एक गधे की आत्मकथा' में आदमी की भाषा में बोलने वाले एक गधे के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं पर करारा व्यंग किया गया है। इस उपन्यास के विचित्र संसार में सरकारी दफ्तरों के निठल्ले आफीसर, लाइसेंस के चक्कर में घूमने वाले व्यवसायी, चुनाव के जोड़-तोड़ में लगे नेता, साहित..