विष्णुभट्ट गोडशे द्वारा लिखा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का एकमात्र आँखों देखा विवरण और प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार अमृतलाल नागर का उतना ही सरल और सटीक अनुवाद। पुस्तक की घटनाएं चित्रपट की तरह एक सूत्र में बंधी हुई आगे बढ़ती हैं। हर दृश्य, हर घटना का वर्णन इतना मार्मिक, रोमांचक और जीवंत है कि पाठक उसमें आक..
सन् 1913 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर से 'गदर' साप्ताहिक अखबार के रूप में शुरू हुआ था। इस पर लिखा गया था कि विदेशी धरती पर देशी भाषा में इसकी शुरुआत की जा रही है, लेकिन यह अंग्रेजी शासन के विरुद्ध युद्ध की शुरुआत है। बड़े एवं मोटे अक्षरों में लिखे गए गदर के साथ चार अक्षर लिखे गए–'अंग्रेजी राज ..
यशस्वी साहित्यकार अमृतलाल नागर की यह कृति ‘गदर के फूल’ सत्तावनी क्रान्ति संबंधी स्मृतियों और किंवदंतियों का प्रामाणिक दस्तावेज़ है। भारत की स्वतन्त्रता के लिए 1857 में क्रान्ति की एक चिंगारी भड़की थी जिसे अंग्रेज़ों ने ‘गदर’ का नाम दिया था। उस काल के व्यक्ति अब छीजते जा रहे हैं। उन्हीं स्मृतियों को ..