प्राचीन भारतीय परम्परा में चार्वाक, भगवान बुद्ध, महावीर, कबीर आदि सन्तों तथा चिन्तकों ने कार्यकारण-भाव के आधार पर व्यक्ति, समाज, धर्म की समीक्षा कर उसे विवेकवादी तथा विज्ञाननिष्ठ बनाने की पहल की। महाराष्ट्र में सन्त तुकाराम, सन्त ज्ञानेश्वर, सन्त गाडगे बाबा, महात्मा फुले, महर्षि विट्ठल रामजी शिंदे, ..
टी.वी. आज हमारे जीवन में जितनी गहराई तक उतर चुका है, उससे दुगुनी गहराई उसने शायद पतन की दिशा में हासिल कर ली है। वैचारिक शून्यता, दिशाहीनता, समाज की मूलभूत चिन्ताओं से निरपेक्ष रहने की आदत और सबसे ऊपर स्वयं को ईश्वर का स्थानापन्न मानने का ढीठ आत्मविश्वास। सस्ती अपराध कथाएँ, हत्याएँ, बलात्कार, भूत-प्..
केदारनाथ सिंह की कविताओं का संसार क़रीब-क़रीब समूचा भारतीय संसार है—वह इस अर्थ में कि उन्हें उन तमाम स्रोतों का पता है जहाँ से जीवन मिलता है—भले ही आज की सर्वव्यापी मानव-विरोधी मुहिम में वह जीवन कुछ कम हो चला हो और कभी-कभी उसके लुप्त हो जाने का भी ख़तरा हो—और केदारनाथ सिंह की इस आस्था को उनसे छीन ले..
कुछ ही दिन पहले मेरी दो कहानियाँ पढ़कर दो पाठकों के क्रोध–भरे पत्र आए। एक ने लिखा था कि ‘अपने लेखों और अन्य कार्यक्रमों में मैं स्त्री–मुक्ति और आत्मनिर्भरता की बात करती हूँ, जबकि इस कहानी की नायिका की घुटन-भरी—दब्बू ज़िन्दगी हमें कोई ऐसा ‘सन्देश’ नहीं देती।’ दूसरे पाठक ने भी घुमा–फिराकर यही पूछा था ..
यह सर्वविदित है कि यशपाल प्रेमचन्दोत्तर कथाकारों में श्रेष्ठतम हैं। भारतीय जीवन के आदर्शवादी विचारों और व्यवहार में जो झूठ की दीवारें खड़ी थीं, उन्हें गिराने में यशपाल ने अपनी क़लम का इस्तेमाल किया। जीवन का कोई भी क्षेत्र उनके प्रहारों से बच न सका।यशपाल कालजयी लेखक हैं। कथाकार की हैसियत से यशपाल की..
'उठिए, जागिए, मेरे देशबंधुओ! आइए, मेरे पास आइए। सुनिए, आपको एक ज्वलंत संदेश देना है। इसका अर्थ यह नहीं है कि मैं कोई अवतार हूँ। ना-ना, मैं अवतार तो नहीं ही हूँ। कोई दार्शनिक अथवा संत भी नहीं हूँ। मैं हूँ, एक अति निर्धन व्यक्ति, इसीलिए सारे सर्वहारा मेरे दोस्त हैं। मित्रो! मैं जो कुछ कह रहा हूँ, उसे..
स्वामी विवेकानन्द का व्यक्तित्व बहुआयामी था। उनके समग्र जीवन और विचारधारा को प्रस्तुत करती है यह जीवनी। स्वामी विवेकानन्द की जीवनी और विचारधारा भारतवासियों के लिए प्रारम्भ से ही प्रेरणात्मक रही है। उनके ओजस्वी विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने स्वतंत्रता से पहले थे।..
स्वामी विवेकानंद का भारत में अवतरण उस समय हुआ, जब हिंदू धर्म के अस्तित्व पर संकट के बादल मँडरा रहे थे। पंडा-पुरोहित तथा धर्म के ठेकेदारों के कारण हिंदू धर्म घोर आडंबरवादी तथा पथभ्रष्ट हो गया था। ऐसे विकट समय में स्वामीजी ने हिंदू धर्म का उद्धार कर उसे उसकी खोई प्रतिष्ठा पुन: दिलाई। मात्र तीस वर्ष की..
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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, 1st Ed.
Pages 127P
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5..