अहंकार की भक्ति से धन का नाशक्रियाहीन बातों से ज्ञान का नाशदान दिए बिना दानी कहलाना केश बिना शृंगार जैसादृढ़ताहीन भक्ति तलहीन कुंभ में पूजा जल भरने जैसीमारय्यप्रिय अमरेश्वरलिंग को यह न छूनेवाली भक्ति है॥कायक की कमाई समझ भक्त दान की कमाई सेदासोह कर सकते हैं कभी?इक मन से लाकर इक मन से ही..
हिमालय हमारे देश के भूगोल और इतिहास का महानायक है। हिमालय देश की चारों दिशाओं में फैले भारतीय जनमानस का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्रोत है। शिखरों पर स्थित हमारे तीर्थों का पवित्र प्रतीक है। भारतीय मन को उद्वेलित करती कलात्मक अभिव्यक्तियाँ इसी महान उद्गम से निकली नदियों के साथ-साथ प्रवाहित होती रही ह..
गाँव की टूटती-बिखरती सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था में छीजते जा रहे मानवीय मूल्यों को कथान्वित करनेवाला यह उपन्यास ‘दाखिल खारिज’ रामधारी सिंह दिवाकर की चर्चित कथाकृति है।अपने छूटे हुए गाँव के लिए कुछ करने के सपनों और संकल्पों के साथ प्रोफ़ेसर प्रमोद सिंह का गाँव लौटना और बेरहमी से उनको ख़ारिज किया जाना ..
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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2002
Edition Year 2002, Ed. 1st
Pages 209p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5..
‘‘यह मेरा पहला उपन्यास है। लिखा सन् 1956 में गया था, यह उसी समय पूरा का पूरा हंस में छपा था। फिर सन् 68-69 या शायद इसके बाद श्री प्रेम कपूर ने इस पर फ़िल्म बनाई ‘बदनाम बस्ती’। मेरे लिए यह उपन्यास उतना ही प्रिय है जितनी प्रिय मेरे लिए मेरी माँ और मेरी जन्मभूमि मैनपुरी। तब यह उपन्यास बदनाम बस्ती के ना..
The book offers a simple yet effective way to learn English as well as to translate from Hindi to English. It contains several common hindi sentences that have been translated into English that allow a learner to easily understand day-to-day words and how to use them in sentences when writing or spe..
प्रस्तुत पुस्तक में विभिन्न छटाओं के इंद्रधनुषी डाक टिकट एवं उनके संबंध में ज्ञानप्रद जानकारियाँ दी गई हैं। इन डाक टिकटों पर इतिहास, भूगोल, राजनीति, व्यक्ति, संस्कृति-सभ्यता, साहित्य-विज्ञान, जीव-जंतु, खेल-कूद, स्थापत्य-मूर्ति, चित्र-कलाओं आदि के विविध रंग-रूप देखने को मिलते हैं।
स्वतंत्र भारत के ..
वह निस्संग है, आखेटित है, लापता है। वही यहाँ है। परम्पराएँ उसे लापता करती हैं। बाज़ार उसे निस्संग और उसका आखेट करता है। हर धर्म, हर जाति उसके संग ऐसा ही सलूक करती है।ये कहानियाँ इसी स्त्री या लिंग संवेदनशीलता से शुरू होती हैं और इस लापता कर दी गई स्त्री की खोज का आवेशमय विमर्श बन जाती हैं। ये औरत क..
हिन्दी के प्रयोग की बढ़ती व्यापकता को देखते हुए हिन्दी-प्रेमी प्रबुद्ध वर्ग हिन्दी के एक नवीन और सर्वांगपूर्ण विशाल कोश की आवश्यकता तीव्रता से अनुभव कर रहा था। हिन्दी के उपलब्ध शब्दकोशों में भी नए प्रचलित हो चुके शब्दों का अभाव खटक रहा था। साथ ही ज्ञान-विज्ञान की अनेक शाखाओं के सहज अंग्रेज़ी शब्दों ..