चाहे कोई साधारण-सी रोज़मर्रा की बात या घटना हो, लेकिन जब हास्य-व्यंग्यकार अशोक चक्रधर उस पर व्यंग्य की स्याही में डूबी अपनी कलम चलाते हैं तो वही घटना अनूठी और यादगार बन जाती है। जीवन के चमन में से चुनी हुई कुछ ऐसी ही घटनाओं के व्यंग्यात्मक फूल इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं।..
चाहे कोई साधारण-सी रोज़मर्रा की बात या घटना हो, लेकिन जब हास्य-व्यंग्यकार अशोक चक्रधर उस पर व्यंग्य की स्याही में डूबी अपनी कलम चलाते हैं तो वही घटना अनूठी और यादगार बन जाती है। जीवन के चमन में से चुनी हुई कुछ ऐसी ही घटनाओं के व्यंग्यात्मक फूल इस पुस्तक में प्रस्तुत हैं।..