भारत एक महान् देश है, जिसके संबंध में परिचय देने वाली यह पुस्तकमाला भारत के सभी पक्षों का पूरा विवरण देती है। प्रत्येक पृष्ठ पर दो रंग में कलापूर्ण चित्र, सुगम भाषा और प्रामाणिक तथ्य। इस पुस्तकमाला के लेखक हैं, प्रसिद्ध साहित्यकार, इतिहास और कला के मर्मज्ञ डॉ. भगवतशरण उपाध्याय।..
भवानी नंदन श्रीगणेश पिता शिव नहीं, केवल माता पार्वती से उत्पन्न हैं। माता की कोख से नहीं। मैल, उबटन के संग्रह से निर्मित तन। जन्म लेते ही द्वार पर बैठ गए। किसी का भी भीतर प्रवेश वर्जित है। माता का आदेश है। यह उनका स्नान कारण है। पिता शंकर क्रुद्ध हो रहे हैं। बड़ा ज़िद्दी बालक है। उनके ही घर में उनका ..
मछुआरे की झोंपड़ी से भारत के राष्ट्रपति पद पर पहुँचे, जन-जन के प्रिय, लाखों बच्चों के चाचा, शासकों से लेकर पत्रकारों, वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों, व्यापारियों, किसानों सभी को अपनी अपूर्व योजनाओं से प्रेरित करने वाले, कवि, संगीतकार-सभी दृष्टियों से अतुलनीय, अनुपम व्यक्तित्व भारतरत्न डा. अब्दुल कलाम के ..
बीसवीं सदी के तीसरे दशक से लेकर नौवें दशक की शुरुआत तक कवि भवानी प्रसाद मिश्र की अनथक संवेदनाएँ लगातार सफ़र पर रहीं।हिन्दी भाषा और उसकी प्रकृति को अपनी कविता में सँजोता और नए ढंग से रचता यह कवि न केवल घर, ऑफ़िस या बाज़ार, बल्कि समूची परम्परा में रची-पची और बसी अन्तर्ध्वनियों को जिस तरकीब से जुटा..