इस पुस्तक में भारत के 100 चुनिंदा खिलाड़ियों का जीवन-चित्र और खेल के क्षेत्र में उनके योगदान का परिचयात्मक वर्णन प्रस्तुत है। हर खिलाड़ी ने जो उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं उनका भी उल्लेख किया गया है। बैडमिंटन से लेकर शतरंज तक और नौका दौड़ से लेकर वेटलिफ्टिंग तक बाइस खेलों में से एक सौ खिलाड़ियों को इसमें स..
1000 भारतीय संस्कृति प्रश्नोत्तरी’ पाठकों को भारतीय संस्कृति से संबद्ध—प्राचीन एवं नवीन—विभिन्न जानकारियों, वस्तुनिष्ठ तथ्यों व महत्त्वपूर्ण संदर्भों से परिचित कराएगी। इसे पढ़कर पाठकगण भारतीय संस्कृति से संबद्ध ग्रंथों व उनके रचनाकारों; महत्त्वपूर्ण तिथियों, दिवसों, पक्षों, माहों व व्रतों; विभिन्न..
‘1000 भारतीय संस्कृति प्रश्नोत्तरी’ पाठकों को भारतीय संस्कृति से संबद्ध—प्राचीन एवं नवीन—विभिन्न जानकारियों, वस्तुनिष्ठ तथ्यों व महत्वपूर्ण संदर्भों से परिचित कराएगी। इसे पढ़कर पाठकगण भारतीय संस्कृति से संबद्ध ग्रंथों व उनके रचनाकारों; महत्त्वपूर्ण तिथियों, दिवसों, पक्षों, माहों व व्रतों; विभिन्न अं..
वरिष्ठ नाट्य-समीक्षक जयदेव तनेजा की इस नई पुस्तक ‘आधुनिक भारतीय नाट्य-विमर्श’ में ऐसे नाटककारों और नाटकों की समीक्षा की गई है जो पिछले लगभग सौ वर्षों से अपनी सार्थकता एवं प्रासंगिकता बनाए हुए हैं। यही नहीं, संस्कृत नाट्य-काल से लेकर इक्कीसवीं सदी के प्रथम दशक में उभरे/उभर रहे उन युवा नाटककारों की चर..
आज हिंदी की स्थिति लगभग वही है। स्वतंत्रता के बाद जो शब्दावली बनी है, बन रही है उससे हिंदी की सामर्थ्य स्वयंसिद्ध हो गई है। हिंदी का विस्तृत क्षेत्र जहाँ लोकभाषाओं से हिंदी को शब्दावली प्रदान कर रहा है वहाँ क्षेत्रीय भाषाओं के लेखक तथा प्रशासक भी हिंदी को नई अर्थ-व्यंजनाएँ प्रदान कर रहे है। समय ही इ..
‘भारत-भारती’ मैथिलीशरण गुप्त की सर्वाधिक प्रचलित कृति है। यह सर्वप्रथम संवत् 1969 में प्रकाशित हुई थी और अब तक इसके पचासों संस्करण निकल चुके हैं। एक समय था जब ‘भारत-भारती’ के पद्य प्रत्येक हिन्दी-भाषी के कंठ पर थे। गुप्त जी का प्रिय हरिगीतिका छन्द इस कृति में प्रयुक्त हुआ है। भारतीय राष्ट्रीय चेतना ..
भारत के महापुरुषों ने देश में ही नहीं, संपूर्ण विश्व में अपने ज्ञान, साहस, संयम, वीरता और धीरता का ध्वज लहराया है। राष्ट्र-निर्माण में भारतीय मनीषियों द्वारा समाज को दिया गया विचार-दर्शन उसकी चिरस्थायी संपत्ति है। उनके विचारों को समाज के हित में जीवित रखना हमारा परम कर्तव्य है। ये दिव्य महापुरुष ईश्..
भारतीय अर्थव्यवस्था के पारम्परिक स्वरूप तथा वर्तमान में उदारीकरण और पाश्चात्य प्रभावों के अधीन होने वाले कार्यक्रमों तथा नीतियों का प्रभावशाली अध्ययन-अर्थशास्त्र के विद्वान भरत झुनझुनवाला की कलम से।..
... अमर्त्य सेन द्वारा व्यक्त तथा समर्थित विचार अत्यन्त सार्थक हैं।-इकानामिस्ट। बिलकुल नये विचार...ताज़गी से भरपूर, विद्वत्तापूर्ण तथा मानवीय...सेन के आशावाद तथा योजनाओं से मनुष्य सोचने लगता है कि समस्याओं का सचमुच कोई हल है।-बिज़नेस वीक। शोधकर्ताओं, विकास कार्यकर्ताओं तथा स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए ..
विविध भाषा-साहित्यों के देश भारत में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकारों के व्यक्तित्व, कृतित्व तथा परिवेश का रोचक, ज्ञानवर्धक परिचय-सुदूर दक्षिण के यशस्वी हिन्दी-सेवी तथा अध्यापक डॉ. आरसू के श्रम और कलम से।..
भारतीय चरित कोश' में वैदिक काल से लेकर आधुनिक समय तक के महत्वपूर्ण व्यक्तियों का परिचय है। इसमें संबंधित अनेक व्यक्तियों के चित्र भी दिये गये है। धर्म, दर्शन, विज्ञान, साहित्य, कला, उद्योग, इतिहास और मिथक आदि के साथ साथ खेल, सिनेमा, नाटक, संगीत, पत्रकारिता तथा अन्य राष्ट्रीय तथा सामाजिक सदनों से जुड..