श्रीमती अनिला मुद्गल द्वारा लिखित प्रथम उपन्यास 'बब्बाजी की डोर’ उनकी दादी के जीवन पर आधारित है।
'बब्बाजी की डोर’ एक ऐसी नारी के जीवन की कहानी है, जिसे वक्त व हालात ने अनेकों कष्ट दिए। बँटवारे की त्रासदी हो या अल्प आयु में वैधव्य, ऐसी अनकों कठिनाइयाँ उन्हें अपने पथ से विचलित न कर सकीं। बब्बा ने प..
तिब्बत की सांस्कृतिक मृत्यु पर भारत चुप नहीं रह सकता। पूरा विश्व मानवाधिकार हनन के प्रश्न पर मौन नहीं रह सकता। ये दोनों ही बिंदु तिब्बत आंदोलन को बल प्रदान करते हैं। भारत सरकार क्या सोचती है, यदि इस प्रश्न को एक ओर रख दिया जाए तो इतना स्पष्ट है कि पूरा हिंदुस्तान यह सोचता है कि तिब्बत की स्वतंत्..
The Guru Gobind Singh Indraprastha University Common Entrance Test (GGSIPU CET) BBA 2022 will be conducted in a computer-based mode for admission to the BBA programme.Make yourself exam-ready with the latest edition of “GGSIPU BBA Common Entrance Test”, which is designed exactly as per the needs ..
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Madurai Shanmugawdiwu Subbalakshmi, widely acclaimed as the ‘Nightingale of Karnataka Sangeet’ was born on September 16, 1916 at Madurai (Tamil Nadu) in a poor Devdasi family. Her father’ S name was Shri Subrah many am Aiyyar and that of her mother was Shanmugawdiwu. That’ S how Subbalakshmi’ S name..
स्त्री-जीवन के क़ानूनी पहलू पर विस्तार और प्रामाणिक जानकारी से लिखते हुए अरविन्द जैन ने स्त्री-विमर्श की सामाजिक-साहित्यिक सैद्धान्तिकी में एक ज़रूरी पहलू जोड़ा। क़ानून की तकनीकी पेचीदगियों को खोलते हुए उन्होंने अक्सर उन छिद्रों पर रोशनी डाली जहाँ न्याय के आश्वासन के खोल में दरअसल अन्याय की चालाक भंगि..
फ़रहत एहसास अपने समकालीनों में एक मुमताज़ शाइर हैं। इससे पहले फ़रहत एहसास के एक-दो छोटे-छोटे संग्रह उर्दू लिपि में प्रकाशित हुए हैं जो किसी भी तरह उनकी कुल रचनात्मकता की नुमाइंदगी नहीं करते। मेरी दिली ख़्वाहिश थी कि ‘रेख़्ता’ उनकी शाइरी के तमाम रंगों पर आधारित एक संचयन प्रकाशित करे। आज से तीन बरस पह..