बंगला साहित्य में कहानीकारों की एक विस्तृत परंपरा रहीं है। छोटी-छोटी कहानियों की रचना में बंगाल के कथा- साहित्यकारों ने जैसा चमत्कार दिखाया है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। रवीन्द्रनाथ टैगोर व शरतचंद्र चट्टोपाध्याय सरीखे लेखकों की कहानियाँ तो विश्व-भर में पढ़ी और सराही जाती रही हैं। इस पुस्तक में ऐसे ही वि..
बंगला साहित्य में कहानीकारों की एक विस्तृत परंपरा रहीं है। छोटी-छोटी कहानियों की रचना में बंगाल के कथा- साहित्यकारों ने जैसा चमत्कार दिखाया है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। रवीन्द्रनाथ टैगोर व शरतचंद्र चट्टोपाध्याय सरीखे लेखकों की कहानियाँ तो विश्व-भर में पढ़ी और सराही जाती रही हैं। इस पुस्तक में ऐसे ही वि..
‘ग्राम बांग्ला’ में सात उपन्यासिकाएँ हैं—‘ग्राम बांग्ला’, ‘सीमान्त’, ‘अँधेरे की सन्तान’, ‘राजा’, ‘स्वदेश की धूलि’, ‘लाइफर’ और ‘तेपान्तरी’। कहने को ये अलग-अलग उपन्यासिकाएँ हैं लेकिन समग्रता में ये ग्रामीण बंगाल की ताजा तस्वीर बनाती हैं। वैसे ग्रामीण बंगाल भारत के किसी ग्रामीण समाज से अलग नहीं दिखता। ..
पिछले बीस वर्षों में भारत में आतंकवादी हिंसा में 60 हजार से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं। उनमें बूढ़े व जवान,स्त्रियाँ व बच्चे और गरीब व निस्सहाय भी शामिल हैं; और यह सब जेहाद के नाम पर हो रहा है। ऐसी कौन सी बात है, जो अल्लाह के वफादारों को ‘हत्यारे’ के रूप में तैयार कर रही है? पाकिस्तान के ‘गैर..