‘पिता की आँख में परायी औरत’, ‘उधारीलाल’, ‘स्कूटर’ और ‘मुझ नातवाँ के बारे में : पाँच प्रेम कविताएँ’ इस संग्रह में शामिल ये कुछ ही कविताएँ पवन करण के कवि की गहराई और ऊँचाई, दोनों का प्रमाण दे देती हैं। ये कविताएँ एक व्यक्ति के रूप में उनकी विस्तृत चेतना और कवि के रूप में उस चेतना को शब्दों में बाँधने,..
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वह भारतवासियों के हृदय में एक राष्ट्रवादी चिंतक, प्रखर वक्ता और साहित्यानुरागी राजनेता के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन्होंने अपने दीर्घकालिक राजनीतिक जीवन में भारतीय समाज और संस्कृति के बारे में गहन चिंतन किया है। उनकी राजनीतिक दृष..
राजनीति के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों में एक महत्त्वपूर्ण गुण होता है—उनकी नेतृत्व क्षमता। जननायक ‘भारत रत्न’ अटलजी में यह गुण अद्भुत था, उनके भीतर नेतृत्व की क्षमता कूट-कूटकर भरी हुई है।
ग्वालियर के साधारण अध्यापक के घर जनमे अटलजी अपनी प्रतिभा के दम पर विश्व भर में विख्यात हुए। उन्हें माँ सरस्वत..
"भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी नाम पढ़ते ही स्मरण हो आता है कि वह ओजस्वी वक्ता थे, कविहृदय थे, उदारहृदय थे। आजीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध रहे। भारतीय राजनीति के पुरोधा रहे । जीवन के पाँच दशक सांसद के रूप में बिताए। जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे। जनता पार्टी की सरकार में व..
एक दोपहर अटलजी और दीनदयालजी जमीन पर चटाई बिछाकर लेट गए। वहीं सिराहने कुछ ईंटें रखी हुई थीं। दोनों ने उन्हीं ईंटों को तकिए की तरह अपने सिर के नीचे लगा लिया। उस समय भारत प्रेस के हिसाब-किताब का काम श्री राधेश्याम कपूरजी देखा करते थे। वैसे तो उनकी अमीनाबाद में अपनी दुकान भी थी, लेकिन वे उसमें कम ही बैठ..
एक दोपहर अटलजी और दीनदयालजी जमीन पर चटाई बिछाकर लेट गए। वहीं सिराहने कुछ ईंटें रखी हुई थीं। दोनों ने उन्हीं ईंटों को तकिए की तरह अपने सिर के नीचे लगा लिया। उस समय भारत प्रेस के हिसाब-किताब का काम श्री राधेश्याम कपूरजी देखा करते थे। वैसे तो उनकी अमीनाबाद में अपनी दुकान भी थी, लेकिन वे उसमें कम ही बैठ..
भगवान अटलानी की कृतियों को सन् 1988 से पढ़ता रहा हूँ। उनमें नए युग के विषयों को पकड़ने और कथा के रूप में पिरोने की चामत्कारिक क्षमता है। भाषा में विस्तार के साथ प्रवाह है। कथानक प्रस्तुत करने की उनकी अलहदी व अंदर उतर जानेवाली अनूठी शैली है। जिन चरित्रों की अटलानी सृष्टि करते हैं, जिन कथ्यों को वे कह..
More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2009
Edition Year 2009, Ed. 1st
Pages 52p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 20 X 13 X 0.5..
पिछले सात दशक की राजनीति में भारत में एक व्यक्तित्व उभरा और देश ने उसे सहज स्वीकार किया। जिस तरह इतिहास घटता है, रचा नहीं जाता; उसी तरह नेता प्रकृति प्रदत्त प्रसाद होता है, वह बनाया नहीं जाता बल्कि पैदा होता है। प्रकृति की ऐसी ही एक रचना का नाम है पं. अटल बिहारी वाजपेयी। अटलजी के जीवन पर, विचार पर, ..
विलक्षण प्रतिभा के धनी पूर्व प्रधानमंत्री जननायक अटल बिहारी वाजपेयी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारतरत्न’ से सम्मानित किया गया। उनके बहुआयामी व्यक्तित्व और कृतित्व का स्मरण आना अत्यंत सहज और स्वाभाविक है। वे न केवल मंत्रमुग्ध कर देनेवाले वक्ता और कुशल प्रशासक रहे, अपितु अपने राजनीतिक विरोधियो..
यह रामविलास पासवान के वैचारिक लेखों की दूसरी पुस्तक है। इस पुस्तक में 63 लेख संकलित हैं, जिन्हें अपने आक्रामक तेवर के लिए भी जाना जाता है। ये लेख देश की ज्वलन्त समस्याओं पर रोशनी डालते हैं। ये आलेख यह भी बताते हैं कि सामाजिक न्याय ही देश की खुशहाली का एकमात्र विकल्प है। छह अध्यायों में विभाजित इस पु..