अपने समय के कुछ मूर्धन्य लेखकों, चित्रकारों और संगीतकारों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलना हर तरह से सौभाग्य कहा जाएगा। ऐसी बातचीत में अकसर किसी व्यक्ति की जिन्दगी, दृष्टि, उलझनों और उत्सुकताओं के अनेक अनजाने पहलुओं से साक्षात् हो पाता है। इनमें से अधिकांश साक्षात्कार ‘आलोचना’ (त्रैमासिक) और ‘पूर्..