अश्वत्थामा के माथे पर के सदा बहते घाव की तरह मनुष्य की पेशानी पर भी प्रकृति ने एकाकीपन का एक ज़ख़्म बड़ा है। इस ज़ख़्म को भरने के सफल-असफल प्रयासों का नाम जीवन है। सामाजिक क्षेत्र में, महत्त्वाकांक्षा का दामन थाम, कुछ कर गुज़रने की ललक इस घाव को किन्हीं अंशों में भरने में सहायक होती है। परन्तु मन ..
सातवें दशक में ‘नाटक जारी है’ के प्रकाशन से लीलाधर जगूड़ी की कविता अपने विभिन्न पेचीदा मोड़ों और पड़ावों से होती हुई बीसवीं सदी के अन्तिम दशक में ‘अनुभव के आकाश में चाँद’ नामक इस नए संग्रह के साथ एक नई जगह पर आ पहुँची है। इन 74 कविताओं में जगूड़ी अपने समय के बाहर और भीतर को; पास और दूर को; उसके अन्तःस्र..
परिवार और समाज प्रबोधन में कथाओं का विशेष महत्त्व है। अनेक गुण एवं जीवन-मूल्य कहानियों के माध्यम से समाज और व्यक्तियों के जीवन में उतरते हैं।
महापुरुष, संत या समाज के प्रभावी लोगों की कथाओं की एक विस्तृत-विलक्षण धारा भारत में है, किंतु कभी-कभी सहज, सरल, निरक्षर या कभी-कभी तो बालकों की कहानियाँ भी ब..
यह पुस्तक मानव स्वतंत्रता का एक अध्ययन है। इस स्वतंत्रता सम्बन्धी विचार का विकास विभिन्न मुद्दों को लेकर चल रहे संघर्षों और उनके संस्थानीकरण से हुआ है। प्रारम्भ बिन्दु तो वह विचार ही है जो यह बतलाता है कि आज़ादी जीवन का एक आधारभूत सिद्धान्त है, इसलिए यह मनुष्य के लिए बिलकुल नैसर्गिक चीज़ है, इसे दबा..
प्रस्तुत पुस्तक में दलित साहित्य की अन्त:चेतना को समझने की कोशिश की गई है जिसमें कवि-कहानीकार के रूप में दलित रचनाकार को अपनी रचना-प्रक्रिया के द्वारा दलित साहित्य की आन्तरिकता को तलाश करने के लिए कई स्तरों पर संघर्ष करना पड़ता है।दलित लेखक किसी समूह, मसलन—किसी जाति विशेष, सम्प्रदाय के ख़िलाफ़ नह..