Many take birth in this world and leave without leaving a mark. It is the ones who have left footprints on the sands of time that are remembered. They are the great people who have achieved something and inspired thousands. They are the people who have strived and contributed to the world and societ..
‘आगे अन्धी गली है’ में विख्यात पत्राकार प्रभाष जोशी द्वारा ‘प्रथम प्रवक्ता’ और ‘तहलका’ में छपे कॉलम संकलित हैं।प्रभाष जोशी ने हिन्दी पत्रकारिता में कॉलम लेखन को एक नया रूप देने के साथ ही उसे विविधता भी प्रदान की। ‘जनसत्ता’ में लिखे उनके कॉलम ‘कागद कारे’ के समानान्तर ‘प्रथम प्रवक्ता’ का कॉलम ‘लाग ल..
अंग्रेज़ी शब्दों के उच्चारण के मामले में आलिम सर एक जाना-माना नाम है। उनका कॉलम ‘ज़बान सँभाल के’ सन् 2004 में नवभारत टाइम्स, दिल्ली में प्रकाशित होना शुरू हुआ और बहुत जल्दी का़फी लोकप्रिय हो गया। उसके बाद पाठकों की माँग पर वह कई बार रिपीट भी हुआ।
आलिम सर का अंग्रेज़ी पढ़ाने का ढंग निराला है। हल्के-फु..
श्री निमाई मुखोपाध्याय काफ़ी दिनों से लिख रहे हैं, पर अनजाने। कविता लिखकर दूसरों को सुनाने के लोभ को रोक पाना बहुत मुश्किल काम है, पर वे इसमें कामयाब हुए हैं। लेकिन कितने दिनों तक अपने को छुपा पाएँगे? एक-दो कविताएँ हाथ से फिसलकर इधर-उधर छप ही गईं।‘आनेवाली सदी के लिए’—यह नाम ही अपने आप में विशेषार..
संसार की प्रायः सभी भाषाओं में अनूदित ‘एलिस इन वंडरलैंड’ का बाल-साहित्य में एक विशिष्ट स्थान है। लुई कैरोल की यह बहुचर्चित कथाकृति बच्चों और किशोरों के मनोविज्ञान तथा उनकी जिज्ञासु कल्पनाशीलता को जिस तरह उजागर करती है, वह बेहद दिलचस्प और अर्थपूर्ण है। एलिस एक छोटी-सी बच्ची है। खेल-खेल में एक ख़रगोश ..
आज तक हम अनेक बलों के बारे में सुनते आए हैं। जैसे शरीर के बल को बाहुबल कहा जाता है, बुद्धि के बल को बुद्धिबल कहा जाता है तो मन के बल को मनोबल या संकल्प शक्ति का बल कहा जाता है। इन सभी बलों को जोड़नेवाला बल ‘संपूर्ण बल’ कहलाता है। इसे आत्मन बल (आत्मबल) भी कहा जा सकता है। आत्मन बल—मन, शरीर और बुद्धि क..
ज्ञान मनुष्य के लिए तभी सहायक होता है, जब वह अपने साथ-साथ समाज को ऊँचा उठाने का सामर्थ्य रखता हो और ब्रह्मज्ञान की सार्थकता तब होती है जब साधक अपने-आपको इतनी ऊँचाई तक ले जाए कि वह त्रिकालज्ञ बनाकर समाज को आत्मकल्याण के मार्ग में ले जाए। ब्रह्मज्ञानी के लोक और परलोक दोनों सुन्दर और सुखद हो जाते हैं,..
यह पुस्तक करुण और मर्मांतक दास्तान है उन पीडि़तों की, जिन पर एसिड उड़ेलकर उनकी जिंदगी नर्क बना दी गई। यह दस्तावेज है, उन अनसुनी-अनकही हकीकतों का, जिन पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया। एसिड हमले के बाद पीडि़त किस किस्म की शारीरिक और मानसिक यंत्रणा से गुजरती है; वो और उसका परिवार कैसे टूटता चला जाता है और..