इक्कीसवीं सदी पूर्णत: विज्ञान की सदी है। विज्ञान के क्षेत्र में अनेकानेक अन्वेषण हो रहे हैं। अंतरिक्ष अन्वेषण अब एक महत्त्वपूर्ण विषय बन गया है। इस क्षेत्र में आज तक ब्रह्मांड के अनेक पिंडों—सूर्य, बुध, शुक्र, पृथ्वी का चंद्रमा, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेप्चून, प्लेटो तथा अन्य अनेक क्षुद्र ग्रह..
प्रस्तुत पुस्तक में तीन अलग-अलग विषयों—समाजशास्त्र, पर्यावरण तथा इंजीनियरी को एक-दूसरे का आधार मानते हुए समाहित किया गया है। ये तीनों ही विषय समाज के विभिन्न घटकों को विशेष रूप से प्रभावित करते हैं। आठ अध्यायों में विभाजित इस पुस्तक में समाजशास्त्र, सामाजिक उद्विकास एवं प्रक्रियाएँ, अभियन्ता एवं सम..
किसी भी राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति की पूँजी होती है समाज के सामान्य व्यक्ति की समझ, जिसमें शिक्षा की भूमिका का महत्त्वपूर्ण होना स्वयंसिद्ध है। हिंदुस्तान की जनसंख्या को यदि दो भागों में विभक्त करें तो एक बड़ा वर्ग उन ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत है जहाँ न सरकार की पहुँच है, न सड़क है, न समाज; शक्..