यह अपनी तरह की अनूठी पुस्तक है, जो कि ‘समय प्रबंधन’ और ‘लक्ष्य निर्धारण’, दोनों के कौशल विस्तार से समझाती है। यह पुस्तक तीन प्रमुख अवधारणाओं के इर्द-गिर्द घूमती है। पहली अवधारणा ‘नकारात्मकता’ से ‘सकारात्मकता’ की ओर बढ़ने के बारे में है, चाहे वह आपके विचार, कार्य, व्यवहार, भाषा या समय-उपयोग के पैटर्न..