अपने आपको काम में व्यस्त कीजिए और अपने जीवन को एक स्वरूप दीजिए। यह मत सोचिए कि कुछ करने से पहले आपको ब्रह्मांड की तमाम पहेलियों को सुलझाना जरूरी है। उन पहेलियों की चिंता मत कीजिए और अपने सामने पड़े काम पर ध्यान दीजिए। अपने अंदर छिपे उस महान् जीवन-सिद्धांत को उसमें लगा दीजिए, जो प्रकट होने के लिए लाल..
कन्नड़ कहानी को कथ्य और शिल्प दोनों स्तरों पर एक नया मोड़ देने का श्रेय यू.आर. अनन्तमूर्ति को ही जाता है। उनकी कहानियाँ समस्याओं के समाधान नहीं बतातीं, बल्कि उनके परिवेश और परिस्थितियों का उद्घाटन करती हैं और हमें एक ज़्यादा प्रकाशमान संसार में लेकर जाती हैं जहाँ हम अपनी दुनिया की जटिलताओं को बेहतर ढ..
प्रस्तुत कहानी-संग्रह 'आकाश-दीप' में कहानी की संरचना केन्द्रीभूत नहीं है, बल्कि बुनावट की दृष्टि से भावकेन्द्रित है और वह भाव है चम्पा की 'मानसिक स्थिति' का संकेत जो सारे कथ्य को लोककथा की तरह संकेन्द्रित करती है, परन्तु, लोककथाओं की तरह मुक्त नहीं करती है, बल्कि चिन्तित और व्याकुल करती है। यही वह अ..
वरिष्ठ कथाकार अमरकान्त का यह उपन्यास एक निर्दोष और संवेदनशील लड़की की कथा है, जिसके इर्द-गिर्द भारतीय सामन्तवाद के अवशेषों की नागफनियाँ फैली हुई हैं। उनका कुंठाजनित अहंकार, हठधर्मिता और सर्वोच्चता का मिथ्या भाव उसकी सहज मानवीय इच्छाओं और आकांक्षाओं को बाधित करता है।भारतीय समाज से सामन्तवाद के समाप्..
हर कहानी के दो पहलू होते हैं...
मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमलों के ग्यारह साल बीत चुके थे, लेकिन उसके जख्म अब तक नहीं भरे थे। खास तौर पर पुलिस अधीक्षक विक्रांत सिंह के। आजकल राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के साथ जुड़े, विक्रांत भारत के दौरे पर आए, पाकिस्तानी उच्चायुक्त जाकिर अब्दुल रऊफ खान से किसी तरह एक..
यह कथा-कृति उपन्यास की सारी सीमाओं और लालचों को उलट-पुलट देती है। चरित्रों के टकराव से कथा का विकास—यह जो उपन्यास-लेखन की आदत बन चुकी है, यहाँ इस आदत से लगभग इनकार है। फिर भी यह कथा-कृति एक उपन्यास ही है। इसमें गद्य और वृत्तान्त का एक अजब संयोजन है, जहाँ से ढाँचागत वर्जनाएँ समाप्त होती हैं और कथा का..
वरिष्ठ क़लमकार रवीन्द्र वर्मा के उपन्यास ‘आख़िरी मंज़िल’ के कवि-नायक में एक ओर ऐसी आत्मिक उत्कटता है कि वह अपने शरीर का अतिक्रमण करना चाहता है, दूसरी ओर अपनी अन्तिम आत्मिक हताशा में भी उसे आत्महत्या से बचे किसान का सपना आता है जो उसका पड़ोसी है और जिसका घर ‘ईश्वर का घर’ है। हमारे कथा-साहित्य में अक्सर..
इस उपन्यास में शरतचन्द्र ने स्त्री–पुरुष के मन को लेकर जो आख़िरी सवाल, मुख्यत: मनोरमा और अजित तथा कमल और अविनाश के सम्बन्धों के माध्यम से उठाया है, उसका जवाब आज तक किसी ने नहीं दिया है। सवाल यह है कि क्या किसी भी विधि–विधान से विवाह कर लेने के बाद स्त्री–पुरुष के मन का मेल चिरस्थायी हो जाता है? क्या ..
हिन्दी कविता और आलोचना की दुनिया लम्बे अरसे से ‘मुख्यधारा’ के इकहरे आख्यान से संचालित होती रही है, वह भी सवर्ण पुरुष-दृष्टि से। शिक्षा और संसाधनों पर उसका वर्चस्व साहित्य और कला को भी अपने ढंग से अनुकूलित करता रहा है। स्त्रियों, दलितों, आदिवासियों और अन्य वंचित समूहों की अभिव्यक्तियाँ इसी आधार पर या..
Aamir Khan is a versatile actor, film maker, social activist and a good human being above all. He has gained much fame, glamour and prosperity but at the same time he has assumed social & moral responsibility to return it back to the society in good terms. Talking especially of Aamir films when we t..
सन् साठ के दशक के कई बांग्ला प्रकाशन महत्त्वपूर्ण थे। इसी दौर में ‘आंधारमानिक’ उपन्यास लगभग 1967 में प्रकाशित हुआ था। पहली बार कथावस्तु की तर्जनी जनता के इतिहास की तरफ़ उठी थी। इस उपन्यास में उपयोग किया गया ‘आंधारमानिक’ नाम एक ख़ास केन्द्रबिन्दु है और इसे रूपक ही मानना चाहिए। अठारहवीं सदी में बंगा..
भारत में अभी भी किसी रूप में क़ायम संयुक्त परिवार का चौमंज़िला यथार्थ, यथार्थ में सबसे गहरे कीलित ग्राउंड फ़्लोर की कच्छप-पीठ पर नई, अकेली स्त्री का बहिर्मुखी अन्तर्जगत (उसका परिवेश और पड़ोस-सजग बन्धु परिवार, परिवार जो रक्त-सम्बन्धों और यौन-सम्बन्धों तक सीमित नहीं और जो विपदा के मारे सब जीव-जन्तुओं ..