‘अरविंद सहज समान्तर कोश’ शब्दकोश भी है और थिसारस भी! किसी भी समर्थ भाषा की समृद्धि का सूचक उसका शब्दकोश होता है। जहाँ भाषा की शब्द-सम्पदा को वैज्ञानिक विधि से व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इस दृष्टि से यह कोश अपनी तरह का पहला ऐसा शब्द-भंडार है जो प्रकृति से तो थिसारस है किन्तु जिसका विन्य..
सन् 1962 के युद्ध के पाँच दशक बाद भी भारत और चीन के संबंध असहज बने हुए हैं। राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों के बढ़ने के बावजूद दोनों देशों के बीच अविश्वास बना हुआ है। बाहरी तौर पर दोनों देशों के नेता संबंध मजबूत करने की प्रतिबद्धता जाहिर करने में कभी नहीं चूकते, लेकिन दोनों ही जानते हैं कि उन..
गीता के अनगिनत अनुवादों और भाष्यों के बावजूद आज ऐसे संस्करण उपलब्ध नहीं हैं जो आम आदमी को गीता पढ़ने में और उसके उपदेशों के बारे में निजी राय क़ायम करने में बहुत सहायता दे सकें—हालत यह है कि आम आदमी न तो गीता का मूल संस्कृत पाठ पढ़ पाता है, न अधिकतर अनुवादों की उलझी भाषा के कारण श्लोकों के अर्थ समझ पा..
पिछले पाँच दशकों में शैक्षणिक-विकास की दिशा में काफ़ी कुछ घटित हुआ है। सकारात्मक भी और नकारात्मक भी। जहाँ शिक्षा के प्रति हमारी सामाजिक रुचि में इज़ाफ़ा हुआ है, वहीं यह भी सत्य है कि शिक्षा और शिक्षण-पद्धतियों की गुणवत्ता में कोई मूलभूत परिवर्तन नहीं आया है। साक्षरता का प्रतिशत बढ़ रहा है, लेकिन निरक..