सिनेमा छवियों का खेल है। उन्हीं चेहरों ने अवाम के दिलों पर राज किया है जो उनके भीतर एक छवि की तरह समा गए। हिन्दी सिनेमा में कुन्दनलाल सहगल से लेकर शाहरुख़ ख़ान तक अलग-अलग कालखंडों में अनेक छवियों ने दर्शकों को सम्मोहित किया। कुछ अपना सम्मोहन अल्पकाल में ही खो बैठीं और कुछ आज तक नुमायाँ हैं।सिनेमा ..