कमलेश्वर के साहित्यिक अवदान का विवेचन बारम्बार हुआ है, किन्तु दृश्य-श्रव्य माध्यम में उनके योगदान पर दृष्टि नहीं डाली गई। यहाँ तक कि उनके टेलीविज़न धारावाहिकों पर यदा-कदा दृष्टिपात हुआ, लेकिन वर्तमान में सबसे प्रभावशाली कला माध्यम में उनके विराट योगदान को लगभग अनदेखा ही किया गया।प्रस्तुत शोध-प्र..