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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2014
Edition Year 2014, Ed. 1st
Pages 32p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 20 X 18 X 0.5..
बेल्जियम की एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत और संस्कृति रही है, जिसका चित्रों, संगीत, साहित्य, नक्शानवीसी और वास्तुकला में साक्षात् दर्शन कर सकते हैं। बेल्जियम भले ही सबसे छोटे यूरोपीय देशों में से एक है, फिर भी इसके पर्यटन स्थल पर्यटकों से भरे रहते हैं। ये पर्यटन स्थल इस देश के समृद्ध इतिहास और परंपराओं ..
इस पुस्तक में मैंने कोविड-19 महामारी से उपजे ‘सभ्यता के संकट’ के कारणों, परिणामों और समाधानों की विवेचना करने का प्रयास किया है। मेरा जोर, महामारी से उपजे संकट के तात्कालिक उपायों के अलावा मुख्य रूप से स्थायी समाधानों पर है। ये समाधान करुणा, कृतज्ञता, उत्तरदायित्व और सहिष्णुता के सार्वभौमिक मूल्यों ..
इस पुस्तक में मैंने कोविड-19 महामारी से उपजे ‘सभ्यता के संकट’ के कारणों, परिणामों और समाधानों की विवेचना करने का प्रयास किया है। मेरा जोर, महामारी से उपजे संकट के तात्कालिक उपायों के अलावा मुख्य रूप से स्थायी समाधानों पर है। ये समाधान करुणा, कृतज्ञता, उत्तरदायित्व और सहिष्णुता के सार्वभौमिक मूल्यों ..
विष्णु नागर ने एक कवि के अलावा ख़ुद को एक व्यंग्यकार के रूप में भी प्रतिष्ठित किया है। उन्होंने अपने समय को कविता, कहानी, निबन्ध, लेख, व्यंग्य आदि अनेक विधाओं में पकड़ने की कोशिश की है। दरअसल व्यंग्य उनका इतना सहज भाव है कि वह इन सभी विधाओं में बिखरा पड़ा है जिनमें उन्होंने रचनाएँ की हैं। अपने समय की ..
‘‘संक्षेप में हिन्दी जगत का विभाजन दो भागों में किया जा सकता है - एक वो, जिन्होंने मुश्ताक अहमद यूसुफ़ी को पढ़ा है, दूसरे वो, जिन्होंने नहीं पढ़ा है। जिन्होंने नहीं पढ़ा है वो फौरन पढ़ जायें और इस किताब से शुरुआत करें, जिन्होंने मुश्ताक साहब को पढ़ा है उनसे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं।’’ - आलोक पुराणिक,..
व्यंग्य अंततः सहारा देता है, हारे हुए आदमी को। ताव देनेवाले आदमी पर ताव खा जाता है। व्यंग्य देखता है कि धंधा क्या चल रहा है। इस लिहाज से ‘धंधे मातरम्’ एक पठनीय व्यंग्य-संग्रह है, जो सजी-धजी भाषा में नहीं है, बल्कि भाषा को नई सज-धज प्रदान करता है। पीयूष की अपनी शैली है, जिसमें वो व्यंग्य करते हैं। वर..
‘धन्न नरबदा मइया हो’ पुस्तक में प्रभाष जोशी के ज़्यादातर लेख व्यक्तिगत हैं। हालाँकि इस संकलन में परम्परा और संस्कृति, यात्राओं तथा पर्यावरण से सम्बन्धित आलेख भी संकलित हैं, लेकिन इन सबका रुझान व्यक्तिगत ही है।प्रभाष जोशी अपनी भूमिका में लिखते हैं :“इस पुस्तक का शीर्षक—‘धन्न नरबदा मइया हो’—दरअसल ..
एक लंबे अंतराल के बाद प्रस्तुत है प्रतिष्ठित कथाकार सूर्यबाला का पहला कहानी-संग्रह 'एक इंद्रधनुष: जुबेदा के नाम'-जिसकी' रेस', 'निर्वासित', 'पलाश के फूल' आदि सभी शुरुआती कहानियों ने क्रमश: 'सारिका' और 'धर्मयुग' आदि स्तरीय पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के साथ ही प्राय: सभी आयु-वर्ग के पाठकों और मर्मज्ञो..
गणित और विज्ञान दोनों ही बड़े रोचक विषय हैं, पर प्राय: देखा गया है कि इनको लेकर छात्रों तथा सामान्य जन को भी मन में डर रहता है। पर थोड़ा परिश्रम करके इनमें हम दक्षता प्राप्त कर सकते हैं और इन्हें अपना मित्र बना सकते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक ‘गणित और विज्ञान के 100 सिद्धांत’ गणित और विज्ञान के महत्त्वप..
वर्ष 2013-17 के बीच बिहार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन को टूटते-बनते देखा। इन दो बड़े राजनीतिक विखंडनों का शासन, समाज और अर्थव्यवस्था पर कितना गहरा दुष्प्रभाव पड़ा, यह तो शोध का विषय है, लेकिन इतना तय है कि गठबंधन राजनीति के कई-कई पाटों के बीच कोई अमृत कोश अक्षुण्ण रहा, जिससे ..