प्रस्तुत पुस्तक में डॉ. ब्रह्मदत्त शर्मा ने हिन्दी समीक्षा के मूल तक जाने का प्रयत्न किया है और अग्निपुराणकार, भरत, दण्डी, आनन्दवद्र्धन, वामन, कुन्तक एवं क्षेमेन्द्र की मान्यताओं और मतों को बोधगम्य बनाने का प्रयास किया है। भारतीय चित्त एवं मानस में ये मान्यताएँ इतनी रची-बसी हैं कि सामान्य पाठक भी कव..
‘दर्शनशास्त्र : पूर्व और पश्चिम’ ग्रन्थमाला की यह दूसरी पुस्तक है जिसमें विश्व की एक प्राचीनतम दार्शनिक धारा का परिचय प्रस्तुत किया गया है।चीन में दर्शन की परम्परा यों तो बहुत पुरानी है, लेकिन ईसा-पूर्व की पाँचवीं से तीसरी शताब्दी का काल दार्शनिक चिन्तन की दृष्टि से समृद्धि का काल माना जाता है। कन..
1.The book “Mathematics & Pedagogy” prepares for teaching examination for (classes 6-8)
2.Guide is prepared on the basis of syllabus prescribed in CTET & other State TETs related examination
3.Divided in 2 Main Sections; Mathematics and Pedagogy giving Chapterwise coverage to the syllabus
4.Previ..
1.The book “Science& Pedagogy” prepares for teaching examination for (classes 6-8)
2.Guide is prepared on the basis of syllabus prescribed in CTET & other State TETs related examination
3.Divided in 2 Main Sections giving Chapterwise coverage to the syllabus
4.Previous Years’ Solved Papers and 5 ..
CTET / TETs शिक्षक पात्रता परीक्षा बाल विकास एवं शिक्षण शास्त्र विषय पर आधारित इस पुस्तक में परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए अभ्यास हेतु 40 प्रैक्टिस सेट्स और 34 साल्व्ड पेपर्स के रूप में प्रश्नोत्तरों को संकलित किया गया है।इसमें सभी प्रश्नों के उत्तर व्याख्या सहित दिए गए हैं| सरल और सहज भाषा में ..
CTET/TETS शिक्षक पात्रता परीक्षा
बाल विकास एवं शिक्षण शास्त्र
30 सॉल्ड पेपर्स एवं 40 प्रैक्टिस सेट्स सहित
CTET, UPTET, MPTET, PTET, UTET, HTET, REET, BTET, CGTET एवं अन्य सभी DSSSB, KVS, NVS, RPSC इत्यादि परीक्षाओं के लिए समान रूप से उपयोगीविषय-सूची2019• केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा क..
CTET/TETS शिक्षक पात्रता परीक्षा
वस्तुनिष्ठ बाल विकास एवं शिक्षण शास्त्र 80 प्रैक्टिस सेट्स 48सॉल्ड पेपर्स
3800+ प्रश्नोत्तरों का संग्रह
CTET, UPTET, MPTET, PTET, UTET, HTET, REET, BTET, CGTET, JTET एवं अन्य समा DSSSB, KVS, NVS, RPSC इत्यादि परीक्षाओं के लिए समान रूप से उपयोगीविषय-सूचीq के..
वर्ण-व्यवस्था के अमानवीय बन्धनों ने शताब्दियों से दलितों के भीतर हीनता भाव को पुख़्ता किया है। धर्म और संस्कृति की आड़ में साहित्य ने भी इस भावना की नींव सुदृढ़ की है। ऐसे सौन्दर्यशास्त्र का निर्माण किया गया जो अपनी सोच और स्थापनाओं में दलित विरोधी है और समाज के अनिवार्य अन्तर्सम्बन्धों को खंडित करने व..
विश्व-दर्शन की मुख्य धारा में विभिन्न कालों के विभिन्न लोगों ने सकारात्मक या नकारात्मक, अपने-अपने तरीक़े से योगदान किया है। इस मुख्य धारा में अनेक धाराएँ मिली हुई हैं, जिनसे सामान्य पाठकों का परिचय कराने के लिए आठ पुस्तकों की यह शृंखला तैयार की गई है। प्रो. देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय की प्रस्तुत पुस्तक..