क्या आप जानते हैं, 'वह कौन वीर था, जिसने रावण को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया था और उसके (रावण के) पितामह के निवेदन पर उसे मुक्त किया था', 'लक्ष्मण, हनुमान, भरत और शत्रुघ्न को किन दो भाइयों ने युद्ध में पराजित कर दिया था', 'कुंभकर्ण के शयन हेतु रावण ने जो घर बनवाया था, वह कितना लंबा-चौड़ा था', 'र..
एक पृथक् व स्वतंत्र विषय के रूप में समाजशास्त्र का प्रादुर्भाव पिछली शताब्दी में ही हुआ है। मनु, कौटिल्य, कन्फ्यूशियस, लाओत्से, प्लेटो, सुकरात तथा अरस्तु आदि प्रसिद्ध सामाजिक दार्शनिक हुए। सामाजिक घटनाओं के व्यवस्थित व क्रमबद्ध अध्ययन तथा विश्लेषण हेतु एक पृथक् एवं स्वतंत्र विज्ञान समाजशास्त्र का ना..
एक पृथक् व स्वतंत्र विषय के रूप में समाजशास्त्र का प्रादुर्भाव पिछली शताब्दी में ही हुआ है । मनु, कौटिल्य, कन्फ्यूशियस, लाओत्से, प्लूटो, सुकरात तथा अरस्तू आदि अनेक प्रसिद्ध सामाजिक दार्शनिक हुए हैं । सामाजिक घटनाओं के व्यवस्थित व क्रमबद्ध अध्ययन तथा विश्लेषण हेतु एक पृथक् एवं स्वतंत्र विज्ञान समाज..
शिक्षा से लेकर परीक्षा तक, जन साधारण से लेकर उच्चतम न्यायालय तक अकसर संविधान की चर्चा की जाती है; किंतु संविधान के बारे में तथ्यपूर्ण एवं व्यवस्थित जानकारी गिने-चुने लोगों को ही है। विभिन्न कारणों से आम आदमी भारत के संविधान के बारे में प्रायः अनभिज्ञ ही है, जबकि उसके मन में संविधान के बारे में समय-स..
संगीत प्राचीन काल से ही समाज का अभिन्न अंग रहा है। प्रत्येक संस्कार, उत्सव, त्योहार, धार्मिक अनुष्ठान, फसल की बुवाई-कटाई आदि अवसरों पर गाए जानेवाले लोकगीत हमें आध्यात्मिकता, सामाजिकता, कर्तव्यपरायणता व श्रम-परिहार की चेतना प्रदान करते हैं। परीक्षण और अनुसंधान से इस तथ्य की पुष्टि हुई है कि गायें स..
विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की उपस्थिति समाज के लगभग हर क्षेत्र में अनुभव की जा सकती है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में चाहे किसी भी विरोधी या आलोचक ने कुछ भी आरोप क्यों न लगाया हो, कुछ भी कहा हो; परंतु जब भी अपने देशवासियों पर विपत्ति आई है, संघ के स्वयंसेवकों न..
स्वामी विवेकानंद : एक ऐसा नाम, जो अपने जन्म के 150 वर्ष बाद भी लोगों को स्फूर्ति से भर देता है और देश, धर्म एवं संस्कृति के लिए अपना बलिदान करने की प्रेरणा देता है। ऐसे योद्धा संन्यासी का जन्म 12 जनवरी, 1863 को माँ भुवनेश्वरी देवी की कोख से हुआ था।
अवसान के समय स्वामीजी की आयु मात्र 39 वर्ष 5 महीन..
स्वामी विवेकानंद : एक ऐसा नाम, जो अपने जन्म के 150 वर्ष बाद भी लोगों को स्फूर्ति से भर देता है और देश, धर्म एवं संस्कृति के लिए अपना बलिदान करने की प्रेरणा देता है। ऐसे योद्धा संन्यासी का जन्म 12 जनवरी, 1863 को माँ भुवनेश्वरी देवी की कोख से हुआ था। अवसान के समय स्वामीजी की आयु मात्र 39 वर्ष 5 महीने..
1000 उत्तर प्रदेश प्रश्नोत्तरीउत्तर प्रदेश भारत का सबसे घनी आबादीवाला प्रदेश है। राजधानी लखनऊ एक ऐतिहासिक नगर होने के साथ-साथ नवाबी तहजीब के लिए प्रसिद्ध है। यह देश के उत्तरी भाग में स्थित है। स्वतंत्रता की लड़ाई में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। यह अनेक राष्ट्रभक्तों की जन्म-स्थली एवं कर्म-स्थ..
व्यक्ति के जीवन को विभिन्न शक्तियाँ प्रभावित करती हैं । वास्तुशास्त्र एक महत्त्वपूर्ण शक्ति है । अगर किसी व्यक्ति के सितारे बहुत अनुकूल हैं तो वास्तु सिद्धांतों के उल्लंघनजनित विपरीत प्रभाव अधिक सीमा तक महसूस नहीं होते । लेकिन सितारे यदि अनुकूल नहीं हैं तो वे बुरी तरह महसूस होते हैं ।
वास्त..
आरंभ से ही मानव स्वभाववश खोजी प्रवृत्ति का रहा है । उसके मस्तिष्क में सवाल कौंधते रहे हैं-यह क्या है, कैसे है, क्यों है आदि । ऐसे ही सवालों से जूझने का नाम विज्ञान है । सवालों की तह में जाने की कोशिश से ही हम जान पाते हैं कि हमारी पृथ्वी पर कभी डायनासोर जैसे विशाल सरीसृप का राज हुआ करता था तथा पृथ्व..